अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
श्लोक – जिसने वर माँगा,
तो वरदान दिया है तुमने,
मुर्ख से मुर्ख को भी ज्ञान,
दिया है तुमने,
पुकारा जिसने भी नाम,
तेरा मेरी मैया,
उसको संकट में भी,
अभय दान दिया है तुमने ॥
कब से बुलाऊँ मेरे घर आओ माँ,
अब तो पहाड़ो से उतर आओ माँ,
अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे,
रस्ता निहारे तेरा पंथ बुहारे माँ,
रस्ता निहारे तेरा पंथ बुहारे माँ,
तेरे बालक पुकारे जी,
अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
तू ही ब्रम्हाणी तू कमला रानी,
तू ही शिव पटरानी,
जगत का पालन,
जगत संचालन,
करे तू मन मानी,
तू ही काली तू ही गौरी,
तू ही कन्या तू किशोरी,
तू ही दुर्गा भवानी,
अम्बे अम्बे माँ अंबे अंबे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
ब्रम्हा नित गावे नारायण ध्यावे,
सदा भोले ध्यान करे,
देव ऋषि ज्ञानी,
जोगी और ध्यानी,
तेरा गुणगान करे,
जग जड़ चेतन तेरा माँ भजन,
जग जड़ चेतन तेरा माँ भजन,
यहां हर एक प्राणी,
अम्बे अम्बे माँ अंबे अंबे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
सिंह चढ़ गाजे असुर डर भागे,
तेरा जब नाम सुने,
नहीं डरते वो,
मौज करते वो,
चरण जो चूमे तेरे,
आया दास बिहारी,
‘लख्खा’ तेरा माँ पुजारी,
अब करो मेहरबानी जी,
अम्बे अम्बे माँ अंबे अंबे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे,
रस्ता निहारे तेरा पंथ बुहारे माँ,
रस्ता निहारे तेरा पंथ बुहारे माँ,
तेरे बालक पुकारे जी,
अम्बे अम्बे माँ अम्बे अम्बे,
अम्बे अम्बे भवानी माँ जगदम्बे ॥
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान कृष्ण ने माता देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था।
सनातन धर्म में भाद्रपद माह को सभी माह में विशेष माना जाता है। इस माह को भगवान कृष्ण के जन्म से जोड़ा गया है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्हैया का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, यशोदा जयंती का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रत के साथ माता यशोदा और भगवान श्री कृष्ण के पूजन का भी विधान है। इस पर्व पर शुद्ध भाव से पूजा-पाठ, व्रत और सेवा करने से माता यशोदा और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में यशोदा जयंती बहुत ही पावन मानी गई है। इस दिन को भगवान श्री कृष्ण की मां यशोदा के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने माता देवकी के गर्भ से जन्म लिया था।