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कुंभ मेले के आस-पास घूमने की जगहें

कुंभ मेले के आस-पास घूमने की जगहें

Maha Kumbh 2025: संगम स्नान के बाद इन ऐतिहासिक जगहों पर करें भ्रमण, मिलेगा धार्मिक और ऐतिहासिक अनुभव


जनवरी से कुंभ स्नान और मेला शुरू होने जा रहा है, खास बात यह है कि यह 'महाकुंभ' है, जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आ रहा है। अनुमान है कि इस विशाल आयोजन में करीब 40 करोड़ श्रद्धालु शामिल होंगे। अगर आप भी परिवार के साथ महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे हैं, तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि संगम नगरी सिर्फ कुंभ मेले तक ही सीमित नहीं है। यहाँ कई ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जो आपको न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी आकर्षित करेंगे। अगर आपको इतिहास में रुचि है, तो इन जगहों पर यात्रा करना आपके महाकुंभ अनुभव को और भी रोमांचक बना देगा। तो चलिए, जानिए उन 5 खास ऐतिहासिक स्थलों के बारे में, जो आपके लिए एक अद्भुत अनुभव साबित होंगे।



प्रयागराज के ऐतिहासिक स्थल


1.इलाहाबाद किला


मुगल सम्राट अकबर द्वारा 1583 में बनवाया गया इलाहाबाद किला एक ऐतिहासिक धरोहर है, जहां आपको अक्षयवट पेड़, अशोक स्तंभ और एक भूमिगत मंदिर देखने को मिलेगा। यह किला मुगल आर्किटेक्चर का शानदार उदाहरण पेश करता है, जो आपको इतिहास के रोमांचक पन्नों से रूबरू कराएगा।



2.आनंद भवन


नेहरू परिवार का आनंद भवन 1930 में मोतीलाल नेहरू द्वारा बनवाया गया था और आज यह एक संग्रहालय के रूप में परिवर्तित हो चुका है। यहां आपको नेहरू परिवार और भारत की आज़ादी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी, जो इस ऐतिहासिक जगह को और भी दिलचस्प बनाती हैं।



3.खुसरो बाग


मुगल काल के शानदार बाग खुसरो बाग में आपको प्राकृतिक सुंदरता और मानसिक शांति का अद्भुत अनुभव होगा। यह बाग़ राजकुमार खुसरो का आरामगाह हुआ करता था और अब यह एक प्रमुख आकर्षण केंद्र है, जहां आप मुगलों की भव्यता और उनके स्थापत्य कला के दर्शन कर सकते हैं।



4.भारद्वाज आश्रम


भारद्वाज आश्रम एक ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है, जहां मान्यता है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने वनवास के दौरान विश्राम किया था। यहां आपको त्रेतायुग की कथा और पौराणिक महत्व से जुड़ी कई जगहों जैसे भरत कुंड और शिवालय देखने को मिलेंगे। भारतीय संस्कृति और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए यह स्थल अवश्य देखने योग्य है।



5.त्रिवेणी संगम


महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम देखना अनिवार्य है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व रखता है और कुंभ स्नान का प्रमुख स्थल है। त्रिवेणी संगम का दर्शन आपके महाकुंभ अनुभव को और भी अविस्मरणीय बना देगा।



6.विक्टोरिया मेमोरियल


विक्टोरिया मेमोरियल इटली के संगमरमर पत्थरों से बना एक आकर्षक छतरी है, जो रानी विक्टोरिया की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध थी। हालांकि मूर्ति अब हटा दी गई है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व और भव्य संरचना आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।


इन अद्भुत स्थलों की यात्रा से आपका महाकुंभ अनुभव और भी रोमांचक और यादगार बन जाएगा। 


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नागा साधु किसकी पूजा करते हैं?

नागा साधु भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे केवल सनातन धर्म के संरक्षक भी माने जाते हैं। इनका जीवन कठोर तपस्चर्या, शैव परंपराओं और भगवान शिव की भक्ति में बीतता है। नागा साधु धार्मिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ होते हैं। साथ ही हिंदू धर्म की रक्षा में भी ऐतिहासिक योगदान भी देते हैं।

अखाड़ों के नगर प्रवेश की प्रक्रिया क्या है

महाकुंभ को हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान कहा गया है। अखाड़े इस धार्मिक अनुष्ठान की रौनक है, जो इसकी शोभा बढ़ाते हैं। इनका नगर प्रवेश हमेशा से एक चर्चा का विषय होता है।

आचमन क्यों करते हैं?

पूजा-पाठ से लेकर विशेष अनुष्ठान एवं हवन इत्यादि सभी तरह की पूजा में आचमन आवश्यक है। आचमन का शाब्दिक अर्थ है ‘मंत्रोच्चारण के साथ जल को ग्रहण करते हुए शरीर, मन और हृदय को शुद्ध करना।’ शास्त्रों में आचमन की विभिन्न विधियों के बारे में बताया गया है। आचमन किए बगैर पूजा अधूरी मानी जाती है।

प्रयागराज के प्रमुख घाट

प्रयागराज को भारत की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। यह नगर सदियों से हिंदुओं की आस्था का केंद्र हुआ है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है।

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