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बम बाज रही भोले की, चारों दिशाएं - भजन (Bam Baj Rahe Bhole Ki Charo Dishaye)

बम बाज रही भोले की, चारों दिशाएं - भजन (Bam Baj Rahe Bhole Ki Charo Dishaye)

बम बाज रही भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने बो दए धतूरा,

अरे कौना ने बो दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


मोरे भोला ने बो दए धतूरा,

गौरा रानी ने बो दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने सींचे धतूरा,

अरे कौना ने सींच दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


मोरे भोला ने सींचे धतूरा,

गौरा रानी ने सींच दई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे कौना ने खा लई धतूरा,

कौना ने पी लई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


अरे नंदी ने खा लई धतूरा,

मोरे भोले ने पि लई भंगिया,

बम बाज रहीं भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥


बम बाज रही भोले की,

चारों दिशाएं,

बम बाज रही ॥

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कब है मकर संक्रांति

मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

मकर संक्रांति पर अद्भुत संयोग

मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का समापन होता है। जो इसे और भी शुभ बनाता है। इस दिन मांगलिक कार्य, निवेश और खरीदारी के लिए समय अनुकूल है।

मकर संक्रांति के 5 विशेष मंत्र

हिंदू धर्म में, सूर्यदेव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 14 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे। इस शुभ अवसर पर मकर संक्रांति पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जाएगी।

मकर संक्रांति में किन राशियों को होगा फायदा

ज्योतिष शास्त्र में मंगल और गुरू दोनों महत्वपूर्ण ग्रह माने गए हैं। अब मकर संक्रांति के दिन दोनों ही अर्द्ध केंद्र योग बनाने वाले हैं। ये ग्रह जिन पर भी मेहरबान हो जाते हैं, उनकी किस्मत को रातों रात बदल सकते हैं।

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