बजरंगबली हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥
शंकर के तुम हो अवतारी,
महावीर तुम हो बलकारी,
तुमसा ना कोई बलवान,
तेरा जग में डंका बाज रया,
बजरंगबलीं हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥
तन पे तेरे लाल लंगोटा,
हाथ में तेरे मोटा सोटा,
तेरे रोम रोम में राम,
तेरा जग में डंका बाज रया,
बजरंगबलीं हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥
लंका को मिट्टी में मिलाया,
लंकापति को चक्कर आया,
रावण की घटाई शान,
तेरा जग में डंका बाज रया,
बजरंगबलीं हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥
जो भी तेरी शरण में आवे,
सियाराम को वो ही पावे,
यही ‘नरसी’ करे बखान,
तेरा जग में डंका बाज रया,
बजरंगबलीं हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥
बजरंगबली हनुमान,
तेरा जग में डंका बाज रया ॥
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे चैत्र माह में मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी विघ्न समाप्त होते हैं और जीवन में शुभता आती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संकटों को दूर करने और सफलता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 विशेष रूप से चैत्र मास में मनाई जाती है और इस दिन गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।
सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की आराधना कर सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।