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बजरंगबली आओ, हनुमान चले आओ (Bajrangbali Aao Hanuman Chale Aao)

बजरंगबली आओ, हनुमान चले आओ (Bajrangbali Aao Hanuman Chale Aao)

बजरंगबली आओ,

हनुमान चले आओ,

माँ अंजनी के प्यारे,

बालाजी आ जाओ ॥


महावीर तुम्हारे हम,

दर्शन अभिलाषी है,

तुम आकर भक्तो को,

प्रभु दरश दिखा जाओ ॥


श्री राम दुलारे हो,

करते हो दया सब पर,

मेरी नाव भवर में है,

मुझे पार लगा जाओ ॥


हमें संकट ने घेरा,

तुम बिन ना कोई मेरा,

बाबा संकट दूर करो,

किरपा बरसा जाओ ॥


श्री राम काज किये,

सबके दुःख हरते हो,

बालाजी मेरे भी,

कष्टों को मिटा जाओ ॥


हम तुम्हे मनाते है,

श्रद्धा से बुलाते है,

भक्तो की विनती पर,

दो ध्यान चले आओ ॥


तुम पर ही भरोसा है,

विश्वास तुम्हारा है,

हम दीनो के बाबा,

तुम भाग्य जगा जाओ ॥


बजरंगबली आओ,

हनुमान चले आओ,

माँ अंजनी के प्यारे,

बालाजी आ जाओ ॥

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बिना पुरोहित के होती है छठ पूजा

छठ पूजा भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों विशेष तौर पर बिहार, झारखंड, और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख लोकपर्व है। इस पर्व की खासियत है कि इसमें किसी पुरोहित या पंडित की आवश्यकता भी नहीं होती।

भाई दूज का महत्व

भाई दूज भारतीय परंपराओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए मनाती हैं। लेकिन बिहार और कुछ अन्य क्षेत्रों में इस पर्व को मनाने की विधि बेहद अलग और अनोखी है।

कब है भाई दूज 2 या 3 नवंबर, जानें शुभ मुहूर्त

दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव में गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक इस त्योहार के साथ ही दिवाली उत्सव का समापन होता है।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

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