आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,
भक्ता रा कारज सारो जी,
हाँ संवारो जी,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
मूषक रा असवार देवा,
पहला थारो ध्यान धरा,
कीर्तन मांड्यो आंगणे,
बाबा थारो अह्वान करा,
रिद्धि सिद्धि के सागे,
आओ जी,
म्हारे आंगणिये पधारो,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
घृत सिंदूर चढ़ावा थारे,
लड्डुवन भोग लगावा जी,
चन्दन चौक पुरावा ऊँचे,
आसन पे बिठावा जी,
रणत भवन सुथे आवो जी,
म्हारे आंगणिये पधारो,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
पहली पत्रिका भेजी थाने,
बेगा सा थे आओ जी,
आप भी आओ सब देवा ने,
सागे अपने ल्याओ जी,
भगता रा मान बढ़ाओ जी,
म्हारे आंगणिये पधारो,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,
भक्ता रा कारज सारो जी,
हाँ संवारो जी,
आओं विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो ॥
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।
पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?
पूर्णिमा यानी शुक्ल पक्ष का 15वां दिन। यह महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इस साल 2025 पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है। पौष पूर्णिमा पर स्नान व दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।