अरे हों...
अंगना पधारो महारानी,
हे मैय्या अरे अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
रे अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी
शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी
करदो कृपा महारानी, मोरी शारदा भवानी।
करदो कृपा महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
ऊंची पहड़िया पे मंदिर बनो है।
(ऊंची पहड़िया पे मंदिर बनो है।)
मंदिर में मैय्या के आसन लगो है।
(मंदिर में मैय्या के आसन लगो है।)
हे ऊंची पहड़िया पे मंदिर बनो है।
मंदिर में मैय्या के आसन लगो है।
आसन पे बैठी महारानी, मोरी शारदा भवानी।
आसन पे बैठी महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी।
रोगी को काया, ते निर्धन को माया।
(रोगी को काया, ते निर्धन को माया।)
हे बांझन पे किरपा, ललन घर आया।
(बांझन पे किरपा, ललन घर आया।)
अरे रोगी को काया, ते निर्धन को माया।
बांझन पे किरपा, ललन घर आया।
मैय्या, हे मोरी मैय्या
हे शारदा मैय्या बड़ी वरदानी, मोरी शारदा भवानी।
मैय्या बड़ी वरदानी, मोरी शारदा भवानी।
हे मैय्या,
अरे अंगना पधारो महारानी, हे मोरी शारदा भवानी।
मैहर में ढूंढी डोंगरगढ़ में ढूंढी।
(मैहर में ढूंढी डोंगरगढ़ में ढूंढी।)
कलकत्ता कटरा जालंधर में ढूंढी।
(कलकत्ता कटरा जालंधर में ढूंढी।)
हे मैहर में ढूंढी डोंगरगढ़ में ढूंढी।
कलकत्ता कटरा जालंधर में ढूंढी।
अरे विजयराघव, अरे विजयराघव, अरे विजयराघव गढ़ में देखानी, मोरी शारदा भवानी।
विजयराघव गढ़ में देखानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी रे...
मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को।
(मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को।)
अरे एकै दिखे मोरी मैय्या के मढ़ को।
(एकै दिखे मोरी मैय्या के मढ़ को।)
मैहर को देखो या विजयराघवगढ़ को।
एकै दिखे मोरी मैय्या के मढ़ को।
महिमा... हे माई महिमा, तुमरी महिमा..
अरे महिमा तुम्हारी न जानी मोरी शारदा भवानी।
महिमा तुम्हारी नहीं जानी मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी।
मैय्या को भार संभाले रे पंडा।
(मैय्या को भार संभाले रे पंडा।)
हाथों में जिनके भवानी को झंडा।
(हाथों में जिनके भवानी को झंडा।)
मैय्या को भार संभाले रे पंडा।
हाथों में जिनके भवानी को झंडा।
झंडा पे... मैय्या झंडा पे,
अरे झंडा पे बैठीं महारानी, मोरी शारदा भवानी।
झंडा पे बैठीं महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी, मोरी शारदा भवानी।
अरे महिमा तुम्हारी भगत जो भी गाए।
(महिमा तुम्हारी भगत जो भी गाए।)
मौनी भी मैय्या के चरणन में आए।
(मौनी भी मैय्या के चरणन में आए।)
महिमा तुम्हारी भगत जो भी गाए।
मौनी भी मैय्या के दर्शन के आए।
करदो... अरे करदो मधुर मोरी वाणी मोरी शारदा भवानी।
करदो मधुर मोरी वाणी मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी।
शारदा भवानी मोरी शारदा भवानी।
अंगना... अरे अंगना... हे मैय्या अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी।
अंगना पधारो महारानी मोरी शारदा भवानी।
करदो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी।
करदो कृपा महारानी मोरी शारदा भवानी।
विवाह पंचमी के अवसर पर वृंदावन में ठाकुर बांके बिहारी का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।
विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन अयोध्या और जनकपुर में विशेष उत्सव और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं।
हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का व्रत किया जाता है। इस खास अवसर पर गणपति की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष प्रकार का व्रत भी किया जाता है।