घर में पधारो गजाननजी,
मेरे घर में पधारो
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
राम जी आना,
लक्ष्मण जी आना
संग में लाना सीता मैया,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
ब्रम्हा जी आना,
विष्णु जी आना
भोले शशंकर जी को ले आना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
लक्ष्मी जी आना,
गौरी जी आना
सरस्वती मैया को ले आना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
विघन को हारना,
मंगल करना,
कारज शुभ कर जाना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
साल 2025 में कुल 2 चंद्र ग्रहण लगेंगे। लेकिन यह दोनों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा। साथ ही इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
बच्चे के जन्म के बाद हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार कहा जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
नए साल 2025 की शुरूआत होने जा रही है। इस नए साल के साथ हमारी उत्सुकता भी बढ़ जाती है कि इस साल कौन-कौन सी महत्वपूर्ण घटनाएं होने वाली हैं। इन्हीं घटनाओं में से एक है सूर्य ग्रहण, जो धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
एक बच्चे की शिक्षा यात्रा की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है जो उसके भविष्य को आकार देता है। यह संस्कार भारतीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है, जहां ज्योतिष के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और शुभ योगों का ध्यान रखा जाता है ताकि बच्चे की शिक्षा और जीवन में सफलता के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।