दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव में गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक इस त्योहार के साथ ही दिवाली उत्सव का समापन होता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उसकी रक्षा करने का वादा भी करते हैं। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है।
भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको भाई दूज की पूजा विधि, पूजन सामग्री और भाई के तिलक करने के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए पूजा की थाली में टीका, चावल, नारियल या सूखा नारियल, मिठाई, कलावा, दीया, धूप और रुमाल रखें।
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें।
‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।'
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का आरंभ 02 नवंबर 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा और समापन 03 नवंबर 2024 को होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 3 नवंबर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।
भाई दूज के दिन यानी 03 नवंबर 2024 को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर बाद 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 22 मिनट तक है।
गुरु शिव को बना लीजिए,
भक्ति से घर सजा लीजिये ॥
मैं शरण पड़ा तेरी चरणों में जगह देना,
गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना ।
बाबा थारी मोरछड़ी,
घूमे करे कमाल ।
ज्ञान का दान ही, सबसे बड़ा हैं
जिसे कोई न लूटे