भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,
बाबा की महिमा न्यारी,
है तू सबका हितकारी,
देखो लोग हजारों रोज,
यहां पर आते हैं,
अपने प्यारे महाकाल,
का दर्शन पाते हैं ॥
उज्जैन में बाबा जी ने,
डेरा लगाया है,
बाबा के भक्तों ने यहां,
मेला लगाया है,
उज्जैन की महिमा न्यारी,
गाती यह दुनिया सारी,
माँ शिप्रा में नहाके,
सब दर्शन करने आते,
जयकारा बम बम,
भोले नाथ लगाते हैं,
अपने प्यारे महाकाल,
का दर्शन पाते हैं ॥
बाबा के दर पे जिसने,
अर्जी लगाई है,
भक्तों की बाबा ने सदा,
बिगड़ी बनाई है,
बाबा सबकी इच्छाएं,
पल भर में पूरी करते,
सुख संपति दे भक्तों को,
भक्तों के दुख हैं हरते,
जो बाबा जी की चरण,
शरण में आते हैं,
अपने प्यारे महाकाल,
का दर्शन पाते हैं ॥
भोले बाबा का ये दर,
भक्तों का बन गया है घर,
बाबा की महिमा न्यारी,
है तू सबका हितकारी,
देखो लोग हजारों रोज,
यहां पर आते हैं,
अपने प्यारे महाकाल,
का दर्शन पाते हैं ॥
भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी का किया जाने वाला व्रत
ज्येष्ठमास की पूर्णिमा को किया जाने वाला व्रत
ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मेड़राए। मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं, त्रिजन्मपापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥1॥