बाबा महाकाल तेरा,
सारा जग दीवाना है,
मैं भी दर पे आया हूँ,
छोड़कर जमाना है ॥
दर्श मुझको दे देना,
आस ये लगी दिल में,
दर्श मैंने माँगा है,
माँगा ना खजाना है,
बाबा महांकाल तेरा,
सारा जग दीवाना है ॥
बाबा तीनो लोको में,
तेरा लोक है भारी,
महाकाल लोक तेरा,
सबसे सुहाना है,
बाबा महांकाल तेरा,
सारा जग दीवाना है ॥
आके तेरी चौखट पे,
‘प्रेमी’ हो गया पागल,
महाकाल मंदिर में,
अब मेरा ठिकाना है,
बाबा महांकाल तेरा,
सारा जग दीवाना है ॥
बाबा महाकाल तेरा,
सारा जग दीवाना है,
मैं भी दर पे आया हूँ,
छोड़कर जमाना है ॥
मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में से एक है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं।
उधम ऐसो मच्यो बृज में,
सब केसर उमंग मन सींचे,
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो
नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजो
मेरो मन राम ही राम रटे रे,
राम ही राम रटे रे ॥