बंजारन मैं बंजारन,
भोले तेरी बंजारन,
बैजनाथ मैं गई,
विश्वनाथ भी गई,
दर्शन करके धन्य हुई,
अब दीवानी हो गई,
रे जोगिया,
बंजारन मैं बंजारन,
भोले तेरी बंजारन ॥
अविनाशी हे कैलाशी,
रामेश्वर हो या काशी,
द्वादश ज्योतिर्लिंग घूमी,
फिर भी ये अखियाँ प्यासी,
काश्मीर, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई,
नगर-नगर और गाँव-गाँव में,
तेरे रूप कई रे जोगिया,
बंजारन मैं बंजारन,
भोलें तेरी बंजारन ॥
श्रद्धा से कावड़ लेकर,
लाखों कावड़िये आते,
तेरी जयनाद बोलते,
गंगाजल तुम्हे चढ़ाते,
देख बाबरी भई,
जनवरी हो या मई,
भक्तो का अम्बार लगा तेरे,
नाचू ता था थई रे जोगिया,
बंजारन मैं बंजारन,
भोलें तेरी बंजारन ॥
चरणों में अपने बाबा,
मुझको भी दे दो छैया,
त्रिपुरारी दृष्टि कर दो,
चल जाए मेरी नैया,
उमा लहरी है नई,
और कॉम्पिटिशन कई,
आशीर्वाद अगर मिल जाए,
गाऊं गीत कई, रे जोगिया,
बंजारन मैं बंजारन,
भोलें तेरी बंजारन ॥
बंजारन मैं बंजारन,
भोले तेरी बंजारन,
बैजनाथ मैं गई,
विश्वनाथ भी गई,
दर्शन करके धन्य हुई,
अब दीवानी हो गई,
रे जोगिया,
बंजारन मैं बंजारन,
भोले तेरी बंजारन ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावत, हर विष्णु विधाता॥
ॐ जय एकादशी माता, मैया जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥