भोले तेरी कृपा से
युग आते युग जाते है
युगो युगो से ब्रह्मा विष्णु
हे शिव तेरे गुण गाते है।।
हर युग का तू रचयिता है
हर पल तू संग रहता है
करमो का फल तू देता है
बदले मे कुछ ना लेता है।।
ओ भोले सबसे निराले तेरे काम
भोले सबसे निराले तेरे काम।।
भोले तेरी कृपा से
युग आते युग जाते है
युगो युगो से ब्रह्मा विष्णु
हे शिव तेरे गुण गाते है।।
ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी, जगत जननी मानी जाती हैं।
ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी जगत जननी हैं। मान्यता है कि देवी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। अगर व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ मां की पूजा करे तो मां उसे शक्ति प्रदान करती हैं।
दस महाविद्याओं की साधना करना बहुत ही कठिन है लेकिन यदि साधना सफल हो जाती है तो होता है चमत्कार। दस महाविद्याओं में से एक है माता ललिता।