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धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,

श्री राधा नाम की,

राधा राधा रटत ही,

सब व्याधा मिट जाए,

कोटि जन्म की आपदा,

श्री राधा नाम सुजाय ।


धारा तो बह रही है,

श्री राधा नाम की,

राधा धारा राधा धारा राधा धारा,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥


सूझे कुछ और नाही,

वृन्दावन धाम के,

सुझे कुछ और नाही,

श्री राधा नाम के,

धारा वो बह गई हैं,

श्री राधा नाम की,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥


राधा के नाम का ये,

साया घना घना है,

हर क्षण हदय में रहती,

राधा की कल्पना है,

आते नजर बिहारी,

संग राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥


अब भी समय है मूरख,

बुद्धि से काम ले ले,

तर जायेगा यह जीवन,

श्री राधा नाम ले ले,

नश्वर है तेरा जीवन,

बिन राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥


इंसान भूल है तो,

राधा क्षमा दया है,

राधा चरण मिले तो,

सोने की धुल क्या है,

ब्रह्मा भी सर झुका दे,

इस राधा नाम पे,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥


विश्वास चाहता है,

तो बोल धारा धारा,

तुझको सुनाई देगा,

खुद आप राधा राधा,

धारा धारा धारा धारा धारा,

जादू अजब जुड़ा है,

संग राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥


धारा तो बह रही है,

श्री राधा नाम की,

राधा धारा राधा धारा राधा धारा,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के,

धारा तो बह रही हैं,

श्री राधा नाम की ॥

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अन्वाधान व इष्टि क्या है

सनातन हिंदू धर्म में, अन्वाधान व इष्टि दो प्रमुख अनुष्ठान हैं। जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया करते हैं। इसमें प्रार्थना व पूजा कुछ समय के लिए यानी छोटी अवधि के लिए ही की जाती है।

अन्वाधान कब है

फरवरी माह में प्रकृति में भी बदलाव आता है, मौसम में ठंडक कम होने लगती है। पेड़ों पर कोमल पत्ते आने लगते हैं। इस साल फरवरी में गुरु मार्गी होंगे और सूर्य, बुध भी राशि परिवर्तन करेंगा। इसलिए यह महीना बहुत खास रहने वाला है।

फरवरी 2025 में इष्टि कब है

इष्टि यज्ञ वैदिक काल के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है। संस्कृत में ‘इष्टि’ का अर्थ ‘प्राप्ति’ या ‘कामना’ होता है। यह यज्ञ विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति और जीवन में समृद्धि लाने के उद्देश्य से किया जाता है।

हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है?

हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त हैं। इसलिए, श्रीराम की पूजा में भी हनुमान जी का विशेष महत्व है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी दुःख और कष्ट हर लेते हैं।

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