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मरना है तो एक बार मरो (Marna Hai Too Ek Bar Maro)

मरना है तो एक बार मरो (Marna Hai Too Ek Bar Maro)

मरना है तो एक बार मरो,

फिर चौरासी में पड़ना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या ॥


करके भजन मन निर्मल करलो,

ध्यान प्रभु का हर पल करलो,

भीतर के जब मेल ना धोए,

भीतर के जब मेल ना धोए,

बाहर रूप संवरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या ॥


भला बुरा का ज्ञान रहेगा,

परमेश्वर फिर साथ रहेगा,

जब रघुनाथ का हाथ हो सर पे,

जब रघुनाथ का हाथ हो सर पे,

फिर है किसी से डरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या ॥


कटु वचन भी सहना पड़ेगा,

राह कठिन है चलना पड़ेगा,

श्याम प्रेम में पागल हुआ तो,

श्याम प्रेम में पागल हुआ तो,

फिर पापों से डरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या ॥


नेक कर्म बिन जनम बिताना,

उसका भी जीना है क्या जीना,

भक्ति के मोती चुन ना सके फणि,

भक्ति के मोती चुन ना सके फणि,

ख़ाक से झोली भरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या ॥


मरना है तो एक बार मरो,

फिर चौरासी में पड़ना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या,

हर बार का मरना मरना क्या ॥

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नवरात्रि में खास संयोग से धन लाभ

हर साल चैत्र नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। मगर साल 2025 की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास है क्योंकि इस अवसर पर तीन महत्वपूर्ण शुभ संयोग बनने वाले हैं।

नवरात्रि से एक दिन पहले सूर्य सूर्यग्रहण

इस साल चैत्र नवरात्रि के एक दिन पहले, 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो साल का पहला सूर्य ग्रहण है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण से कई राशियों में भी बदलाव देखने को मिलता है।

नवरात्रि में खान-पान के नियम

नवरात्रि भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, और इस दौरान लोग व्रत रखते हैं। व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर और मन की शुद्धि भी होता है।

चैत्र नवरात्रि: कलश, शंख और तुलसी पौधा लाने की वजह

चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।

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