ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,
रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,
जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,
दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,
ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,
रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥
तार ऐसा जुड़े जो ना टूटे कभी,
दुनिया रूठे मगर तू ना रूठे कभी,
जीते जी तेरी चौखट ना छूटे कभी,
जिंदगी भर अलख मैं जगाता रहूं,
ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,
रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥
हे दया आपकी जो ये दर्शन दिए,
इससे ज्यादा भला और क्या चाहिए,
तेरी झूठन के दो कोर मिलते रहे,
बोझ जो जिंदगी का उठाता रहूं,
ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,
रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥
तेरी लागि जो लौ वो कभी ना बुझे,
भूल से भी कभी ना मैं भूलूँ तुझे,
भोले ऐसा दीवाना बना दो मुझे,
जाने के बाद भी याद आता रहूं,
ऐसी भक्ति महादेव दे दों हमें,
रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥
ऐसी भक्ति हे शम्भू दे दो मुझे,
रात दिन मैं भजन तेरे गाता रहूं,
जैसा भी आए ग़म जिंदगी में मगर,
दो वो शक्ति की मैं मुस्कुराता रहूं,
ऐसी भक्ति महादेव दे दो हमें,
रात दिन हम भजन तेरे गाते रहें ॥
शिवपुराण में कहा गया है कि भगवान शिव स्वयं जल के रूप में विद्यमान हैं। जल को जीवन का आधार माना गया है और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से इसका महत्व समझा जा सकता है।
जब भी कुंभ मेले का उल्लेख होता है कल्पवास का नाम अनिवार्य रूप से लिया जाता है। कल्पवास एक आध्यात्मिक साधना और वैदिक परंपरा है जो प्राचीन भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों से जुड़ी हुई है।
शाही स्नान सनातन धर्म में एक अत्यंत पवित्र और विशेष स्नान माना जाता है। यह कुंभ और महाकुंभ मेले का मुख्य आकर्षण होता है। इस स्नान को धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यधिक महत्व दिया गया है।
नागा साधु कुंभ मेले की शोभा बढ़ाने वाले अद्वितीय साधु हैं। जो नग्न रहते हैं और शस्त्र विद्या में निपुण होते हैं। ये साधु शैव अखाड़ों से जुड़े हैं और इनका जीवन कठोर तप और साधना से भरा होता है।