Logo

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप (Hamara Pyara Hindudweep)

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप (Hamara Pyara Hindudweep)

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप,

अब उठो जगो हे आर्यवीर! उत्ताल प्रचंड समरसिन्धु समीप,

हे सुभट-विकट-विकराल-काल, प्रखर-प्रबल-शूर-शस्त्रपाणि महीप,

विश्वहृदय यह भारत-भूषित, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप,

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप ॥


सबसे न्यारा सबका प्यारा, सर्वसुमंगल सुशोभित सिंधु समीप ,

ब्रह्मर्षि दधीचि-कश्यप-गौतम, तुला-विदुर-लव्य-कायव्य कुलदीप,

गुरुकुल-गौरव रघुकुल-सौरभ, पुरुषोत्तम रामभद्र और दिलीप,

जनक-जानकी-जनजीवनधन, शुचि-सत्यशील-करुणासिंधु-सुदीप,

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप ॥


श्रुति-सती-सन्त-सम-सत्यशील, मन्वादि राजर्षि भूपति अम्बरीष,

बंग-गंग-अरु इन्दु-मानसर, लंक-वर्म-विन्ध्य-सागर-सिंधु गिरीश,

गो-गुरु-द्विज-समर्चक अर्थ-अर्जक, कामपालक मोक्षरत कालातीत,

माता-पिता-अतिथि-परिपालक, देवसमर्चक आत्मरूप कर्मातीत,

हमारा प्यारा हिंदुद्वीप, हम हैं इसके प्रहरी और प्रदीप ॥

........................................................................................................
छठ मईया जी की आरती

ॐ जय छठी माता, मैया जय छठी माता,
तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।

आरती भगवान गिरिधारी जी की ( Aarti Bhagwan Giridhari Ji Ki)

जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय जय गिरधारी।
दानव-दल बलिहारी, गो-द्विज हित कारी॥

राम आरती होन लगी है (Ram Aarti Hone Lagi Hai)

जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है..

श्री रामायण जी की आरती (Shri Ramayan Ji Ki Aarti)

आरती श्री रामायण जी की।
कीरति कलित ललित सिया-पी की॥

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang