सजा है प्यारा दरबार बाबा का,
भक्तों ने मिलकर के किया है,
श्रृंगार बाबा का,
सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,
लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥
भक्तों ने मिलकर के,
बाबा को है आज बुलाया,
गेंदा चम्पा और चमेली,
फूलों से है सजाया,
रंग बिरंगे फूलों का है हार बाबा का,
सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,
लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥
मुख मंडल की आभा ऐसी,
सूरज फीका लागे,
करके दर्शन बाबा का मेरी,
सोई किस्मत जागे,
आओ मिलकर के करलो,
सब दीदार बाबा का,
सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,
लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥
बनड़े जैसा सजा हुआ है,
माँ अंजनी का लाला,
देख देख कर मन वारी हो,
ऐसा रूप निराला,
‘नरसी’ के संग गा लो,
मंगलाचार बाबा का,
सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,
लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥
सजा है प्यारा दरबार बाबा का,
भक्तों ने मिलकर के किया है,
श्रृंगार बाबा का,
सजा हैं प्यारा दरबार बाबा का,
लगे है न्यारा दरबार बाबा का ॥
विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।
विंध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥
विरात्रा री पहाड़ियों में,
धाम थारो म्हाने लागे न्यारो,