मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
तेरे नैना कटीले,
मोटे मोटे रसीले ।
दिल को छीन लिया,
तेरी प्यारी हँसी ने ।
प्यारी अंखियों में लगा,
कजरा बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
लटों ने लूट लिया,
जिगर घायल ये किया ।
तेरी प्यारी अदा ने,
मुझे बेचैन किया ।
मेरे सीने में तेरा,
दर्द बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
ओ मेरे श्याम पिया,
तेरे बिन तड़पे जिया ।
प्रेम तुम से ही किया,
तूने क्या जादू किया ।
तेरी यादों में थिरके,
अंग मेरा सारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन जल और प्रकृति में एक अद्भुत ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो मानव जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा 2025 और भी विशेष बन गई है।
सनातन हिंदू धर्म में, पूर्णिमा तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रिय है। माघ पूर्णिमा के पर्व को वसंत ऋतू के आगमन के दौरान मनाया जाता है।
ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी, जगत जननी मानी जाती हैं।
ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी जगत जननी हैं। मान्यता है कि देवी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।