घुमतड़ा घर आवो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
खेलतड़ा घर आवो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
ब्रम्हा पधारो विष्णु पधारो देवा,
संग में ले आना सरस्वती को,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
घुमतड़ा घर आवों,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
राम पधारो लक्ष्मण पधारो देवा,
संग में ले आना सीता सती को,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
घुमतड़ा घर आवों,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
डमरू बजावत शिव जी पधारो देवा,
संग में ले आना पारवती को,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
घुमतड़ा घर आवों,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
सिंह चढ़त माँ आवो भवानी,
संग में ले आना नव दुर्गा को,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
घुमतड़ा घर आवों,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
मुरली बजावत कृष्ण पधारो देवा,
संग में ले आना राधा रुक्मण को,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
घुमतड़ा घर आवों,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
बाई मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर,
देना हमको प्रेम भक्ति हो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
घुमतड़ा घर आवों,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
घुमतड़ा घर आवो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन,
खेलतड़ा घर आवो,
ओ म्हारा प्यारा गजानन ॥
हनुमान जयंती हर साल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान जी का जन्म दिवस मनाया जाता है, जिसे हनुमान जयंती कहते हैं।
हनुमान जयंती का पर्व भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक है। इस दिन देशभर में भव्य पूजा-अर्चना, झांकियों और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान का विशेष स्थान है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।