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आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


सब देवन में देव कहाओ,

माँ गौरा के लाल कहाओ,

शिव शंकर संग रिद्धि सिद्धि,

ले आओ द्वार हमारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


भांति भांति के फूल मंगाए,

घर आंगन और द्वार सजाये,

धूप दीप से महके मंडप,

मोदक भोग सजा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


घर आकर के फिर नही जाना,

हम सबके मन मे बस जाना,

चाह ‘मुकेश’ की एक ही बाबा,

सभा में रंग बरसा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


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वैष्णव संप्रदाय के प्रमुख तीन अखाड़े कौन से हैं

हिंदू धर्म के 13 प्रमुख अखाड़े अलग-अलग संप्रदायों में बंटे हुए है। इन्ही में से एक संप्रदाय है वैष्णव। वैष्णव संप्रदाय के साधु संत भगवान विष्णु और उनके अवतारों के उपासक होते हैं।

सबसे बड़ा अखाड़ा कौन सा है

जैसे जैसे कुंभ पास आते जा रहा है, लोगों के मन में इससे जुड़ी बातों के बारे में जानने की इच्छा बढ़ रही है। अखाड़ों के बारे में जानने में लोगों को खासा इंटरेस्ट है. इन्हें देखने के लिए तो वे बहुत दूर दूर से संगम नगरी पहुंचने वाले हैं।

वृंदावन के निधिवन का रहस्य क्या है

यहां भगवान की मधुर छवि और उनके प्रेम की अद्भुत कहानियां आज भी सभी भक्तों के दिलों में बसी है। कृष्ण भक्तों की अटूट श्रद्धा का केंद्र, निधिवन में रोजाना हजारों भक्त श्रीकृष्ण और राधा जी के दर्शन के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि निधिवन में आज भी रात के समय भगवान श्रीकृष्ण अपनी गोपियों के साथ रासलीला का आनंद लेते हैं।

कुंभकरण क्यों सोता था छह महीने?

रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक कुंभकरण, लंका के राजा रावण का छोटा भाई था। वह भी अपने भाई की तरह एक तपस्वी था। कुंभकरण ने कठोर तपस्या करके कई वरदान प्राप्त किए थे।

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