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रघुवीर को, प्रणाम हमारा कह देना(Raghuvir Ko Pranam Hamara Keh Dena)

रघुवीर को, प्रणाम हमारा कह देना(Raghuvir Ko Pranam Hamara Keh Dena)

ओ जाने वाले रघुवीर को,

प्रणाम हमारा कह देना

प्रणाम हमारा कह देना,

सीताराम हमारा कह देना ॥


श्री राम की माता कौशल्या,

और दशरथ धीरज धारी को,

श्री भरत की माता केकयी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री भरत शत्रुघ्न भैया को,

और छोटी मात सुमित्रा को,

श्री सीता जनक दुलारी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री हनुमान बल सुग्रीव को,

और सारी अंगद सेना को,

श्री पूरी अयोध्या नगरी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री राम चंद्र अवतारी को,

और लक्ष्मण धनुवा धारी को,

श्री लवकुश आज्ञाकारी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥


श्री बल्मीकि रामायण को,

और चारो वेद पुराणों को,

श्री गीता मात कल्याणी को,

प्रणाम हमारा कह देना ॥

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छठ पूजा में कोबला

छठ पूजा विशेषकर भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसमें सूर्य देव और छठी मैया की आराधना की जाती है।

संध्या पर्व के यम नियम

छठ पूजा 04 दिनों का अत्यंत पवित्र पर्व है जो कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी को समाप्त होता है। इन चार दिनों में व्रती महिलाएं और पुरुष सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना करते हैं।

ऊषा अर्घ्य की विधियां

छठ महापर्व भारत में सूर्य उपासना का एक सबसे पवित्र और कठिन त्योहार है। जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है।

ऊषा अर्घ्य पर कैसे करें फल प्राप्ति

हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को जीवनदायी शक्ति माना गया है। शास्त्रों के अनुसार नित्य भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सौभाग्य, उन्नति और समृद्धि आती है।

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