बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥
तेरे सिवा दिल में समाए ना कोई,
लगन का यह दीपक भुजाये ना कोई,
तू ही मेरी कस्ती तू ही है किनारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा।
॥ बांके बिहारी मुझे देना सहारा...॥
तेरे रास्ते से हटाती है दुनिया,
इशारों से मुझको भूलती है दुनिया,
देखो ना हरगिज मैं दुनिया का इशारा
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा।
॥ बांके बिहारी मुझे देना सहारा...॥
तेरे नाम का गान गाता रहूं मैं,
सुबह शाम तुझको रिझाता रहूं मैं,
तेरा नाम मुझको है प्राणों से प्यारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा।
॥ बांके बिहारी मुझे देना सहारा...॥
बड़ी भूल की जो मैं दुनिया में आया,
मूल भी खोया और ब्याज भी खोया,
दुनिया में मुझको ना भेजो ना दोबरा
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा।
॥ बांके बिहारी मुझे देना सहारा...॥
बांके बिहारी मुझे देना सहारा,
कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा॥
साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बड़ा महत्व है।
माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन मौन साधना करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है जो पितरों के मोक्ष के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके दान करने का महत्व है जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके कष्टों को दूर किया जा सकता है।