भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,
पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,
ऐसी दम लगवा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
खोटे काम अगर गलती से,
हो गए होंगे जीवन में,
जाने अनजाने में अगर कुछ,
पाप उठे होंगे मन में,
पाप ये कोई देख ना पाए,
पाप ये कोई देख ना पाए,
मुंह पर कफ़न ओढ़ा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
घर से जब शमशान घाट तक,
अर्थी लेकर लोग चले,
दो हंडी में औघड़दानी,
सत्कर्मो की आग जले,
मिट जाए हर एक बुराई,
मिट जाए हर एक बुराई,
ऐसा धुआँ उठा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
चन्दन की लकड़ी चाहे,
मेरी चिता सजाओ ना,
भव सागर से तर जाएंगे,
गंगा जल भी पिलाओ ना,
हे महाकाल चिता पर मेरी,
हे महाकाल चिता पर मेरी,
अपनी भस्म ओढ़ा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
मुक्ति की वो चिलम हो भोले,
मोह माया का गांजा हो,
जिसके धुंए से लोभी मन को,
हमने बढ़िया मांजा हो,
परम धन्य हो जाऊं निरंजन,
परम धन्य हो जाऊं निरंजन,
ऐसी कृपा बरसा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
भोलेनाथ मेरे मरने से पहले,
ऐसी चिलम पिला देना,
पी कर सीधा स्वर्ग में पहुंचूं,
ऐसी दम लगवा देना,
भोलेनाथ मेरे मरने से पहलें ॥
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से घर में सौभाग्य, सुख-समृद्धि और संपन्नता बनी रहती है।
साल 2024 में 31 अक्टूबर के दिन दिवाली का पर्व पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।