शिव है शक्ति, शिव है भक्ति, शिव है मुक्ति धाम।
शिव है ब्रह्मा, शिव है विष्णु, शिव है मेरा राम॥
ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम।
जिस दिन जुबा पे मेरी, आए ना शिव का नाम॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥
मन मंदिर में वास है तेरा, तेरी छवि बसाई।
प्यासी आत्मा बनके जोगन, तेरी शरण में आई।
तेरी ही शरण में पाया, मैंने यह विश्राम॥ ऐसी सुबह ना आए॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥
तेरी खोज में ना जेने, कितने युग मेरे बीते।
अंत में काम क्रोध मद हारे, हे भोले तुम जीते।
मुक्त किया तूने प्रभु मुझको, शत शत है प्रणाम॥ ऐसी सुबह ना आए॥
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय॥
सर्व कला संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर।
दर्शन देकर धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर।
भाव सागर से तर जाउंगी, लेकर तेरा नाम॥ ऐसी सुबह ना आए॥
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में श्री हनुमान जी की भक्ति, शक्ति, साहस, सेवा और समर्पण की अनुपम कथा का वर्णन किया गया है।
हनुमान जयंती पर देशभर में भक्त बजरंगबली की पूजा-अर्चना में जुटे हैं। इस बार यह पर्व 12 अप्रैल 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।
इस बार की हनुमान जयंती बेहद खास रहने वाली है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-उपवास रखने और सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश का एक महत्वपूर्ण व्रत है। इसे हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।