इस बार की हनुमान जयंती बेहद खास रहने वाली है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-उपवास रखने और सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
लेकिन इस बार यह पर्व सिर्फ धार्मिक रूप से नहीं, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विशेष है। दरअसल, 12 अप्रैल को 100 साल बाद एक दुर्लभ ग्रह योग बन रहा है।
इस दिन सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग और शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा।
दोनों योग मीन राशि में बनेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन योगों का सीधा लाभ 7 राशियों को मिल सकता है।
इस साल हनुमान जयंती 12 अप्रैल, शनिवार को है। यह दिन चैत्र पूर्णिमा है, जिसे उत्तर भारत में विशेष रूप से हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। शनिवार को हनुमान पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन पूजा करने से शनि दोष से भी राहत मिलती है।
पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को तड़के 3:20 बजे शुरू होकर 13 अप्रैल को सुबह 5:52 बजे तक रहेगी। ऐसे में हनुमान जयंती 12 अप्रैल को ही मनाई जाएगी।
सनातन धर्म में गुरुवार दिन का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन व्रत करने का भी एक अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
सनातन धर्म में किसी भी दिन उपवास या व्रत की परंपरा बहुत पुरानी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
सनातन धर्म में सप्ताह के हर एक दिन का अपना एक अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक शनिवार का दिन है, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। इस दिन शनि देव की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।
हिंदू धर्म में सप्ताह का सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है। ऐसे में सप्ताह का आखिरी दिन यानी रविवार भगवान सूर्य देव का दिन माना जाता है।