बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
झूठी दुनिया, झूठे बंधन,
झूठी है ये माया,
झूठा साँस का आना जाना,
झूठी है ये काया,
यहाँ साँचो तेरो नाम रे ।
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
रंग में तेरे, रंग गयी गिरधर,
छोड़ दिया जग सारा,
बन गयी तेरे प्रेम के जोगन,
ले के मन एकतारा,
मुझे प्यारा तेरा धाम रे ।
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
दर्शन तेरा, जिस दिन पाऊँ,
हर चिंता मिट जाये,
जीवन मेरा इन चरणों में,
आस की ज्योत जलाये,
मेरी बाँह पकड़ लो श्याम रे ।
बनवारी रे,
जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे ॥
होली आई रे होली आई रे होली आई वृन्दावन खेले गोरी
भागन पे आयो है फागण महीना कभू प्रेम की होरी बईं न,
हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।
होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा
और झूम रही दुनिया सारी,
हे त्रिपुरारी गंगाधरी
सृष्टि के आधार,