हे ज्योति रूप ज्वाला माँ,
तेरी ज्योति सबसे न्यारी है ।
हर एक जन इसका परवाना,
हर एक जान इसका पुजारी है ॥
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली
जब कुछ भी न था इस धरती पर,
तेरी ज्योति का नूर निराला था ।
न सूरज, चंदा, तारे थे,
तेरी ज्योति का ही उजाला था ।
कैसी होगी तेरी ज्योति,
जब सूरज एक चिंगारी है ॥
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥
जिस घर में ज्योति जलती है,
वह घर पावन हो जाता है ।
ज्योति से ज्योति मिल जाती,
वह जग में अमर हो जाता है ।
यह ज्योति जीवन देती है,
यह ज्योति पालनहारी है ।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली ॥
धरती का सीना चीर के माँ,
पाताल लोक से आई है ।
इसकी लीला का अंत नहीं,
कण-कण में यही समय है ।
निर्बल को शक्ति देती है,
यह शक्ति अतुल तुम्हारी है ।
जय माँ शेरावाली जय माँ ज्योतावाली
अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। 2024 में शुक्रवार, 13 दिसंबर को शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ अवसर है।
अनंग त्रयोदशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। 2024 में यह व्रत 13 दिसंबर को पड़ेगा। इस दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा, जो मार्गशीर्ष महीने का आखिरी प्रदोष व्रत है।
सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जातक की आर्थिक तंगी, शारीरिक पीड़ा और मानसिक तनाव समाप्त हो जाते हैं।