मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,
दिन दुखियो का गुज़ारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
आपकी रहमत से मिलती,
इज़्ज़त की दो रोटियाँ,
आपकी रहमत से मिलती,
इज़्ज़त की दो रोटियाँ,
हम ग़रीबो का गुज़ारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
क्या मुक़द्दर का भरोसा,
साथ दे या ना भी दे,
क्या मुक़द्दर का भरोसा,
साथ दे या ना भी दे,
मेरी किस्मत का सितारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
मैं भला चिंता करूँ क्यूँ,
है भरोसा आप पर,
मैं भला चिंता करूँ क्यूँ,
है भरोसा आप पर,
मेरा ये परिवार सारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
ये जहा तो है भिखारी,
माँ के दर पे मांग ले,
ये जहा तो है भिखारी,
माँ के दर पे मांग ले,
जन्नत और मुक्ति का द्वारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
मईया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है,
दिन दुखियो का गुज़ारा,
आपके चरणों में है,
मैया ये जीवन हमारा,
आपके चरणों में है ॥
अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।
पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है, और मोक्ष की प्राप्ति करता है।
पापमोचनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित है जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह उपवास सभी पापों से छुटकारा पाने और मोक्ष प्राप्त करने के लिये रखा जाता है।
पापमोचनी एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। पापमोचनी एकादशी व्रत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है, जहां इस बात की चर्चा की गई है, की इस व्रत का पालन करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के दोषों से भी मुक्त हो सकता है।