सनातन हिंदू धर्म में कालाष्टमी का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष दिन काल भैरव बाबा को समर्पित है। यदि कोई साधक इस तिथि पर सच्चे मन से भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव बाबा की पूजा करता है। तो उसे ग्रह दोष से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, उसके घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि, धन और वैभव बढ़ता है। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि मार्गशीर्ष मास में कालाष्टमी के दिन किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
कई लोग भैरव बाबा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कालाष्टमी के दिन व्रत भी रखते हैं। वहीं, यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित है। तो वह भी इस मंत्र जाप के माध्यम से पुनः स्वास्थ्य लाभ कर सकता है।
माघ का महीना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने, सुख-समृद्धि बढ़ाने और पापों के नाश के लिए जाना जाता है।
कालाष्टमी का व्रत 21 जनवरी को भगवान काल भैरव की पूजा के साथ मनाई जाएगी। माघ माह की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से ही हो जाती है। वर्ष 2025 में माघ मास 14 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी को समाप्त होगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
पंचांग के अनुसार, माघ मास की कालाष्टमी 21 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इसकी तिथि 20 जनवरी 2025 को रात 10:32 बजे प्रारंभ होगी। जबकि, तिथि की समाप्ति 21 जनवरी 2025 को रात 12:45 बजे होगी। इस दिन भगवान काल भैरव और माता दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
आज 19 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का छठा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर शुक्ल योग रहेगा। सूर्य देव वृषभ राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि करेंगे।
आज 20 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का सातवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज का दिन किसी साधारण तिथि का नाम नहीं, बल्कि यह जीवन के दुखों से मुक्ति और समृद्धि के द्वार खोलने का अवसर है।
आज 21 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का आठवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। आज का दिन बुध ग्रह से प्रेरित है। जो बुद्धि, वाणी और व्यापार के क्षेत्र में सौभाग्य देने वाला है। आश्लेषा नक्षत्र की उपस्थिति इसे और अधिक रहस्यपूर्ण एवं साधना योग्य बनाती है।
आज 22 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का नौवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। आज का दिन है बृहस्पति देव को समर्पित — धर्म, ज्ञान, विवाह, गुरु भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ।