मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन माता एकादशी का जन्म हुआ था, इसलिए इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। उत्पन्ना एकादशी के दिन माता एकादशी की पूजा के साथ-साथ उनके श्रृंगार का भी विशेष महत्व है। सनातन परंपरा के अनुसार, देवियों का सोलह श्रृंगार किया जाता है लेकिन चूंकि एकादशी माता विवाहित नहीं है ऐसे में सोलह श्रृंगार नहीं हो सकता है। आइये जानते हैं उत्पन्ना एकादशी पर माता का श्रृंगार कैसे करे? साथ ही जानेंगे इसके महत्व के बारे में।
एकादशी को भले ही हम माता कहते हैं, लेकिन वह कुंवारी कन्या हैं ऐसे में हमें उनका श्रृंगार किसी कन्या की भांति ही करना चाहिए। उत्पन्ना एकादशी के दिन माता एकादशी का श्रृंगार करने के लिए ये सामग्री एकत्रित करें:
उत्पन्ना एकादशी पर माता एकादशी का श्रृंगार करना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो उनकी महिमा और शक्ति को दर्शाता है। इस दिन माता एकादशी का श्रृंगार करने से कई लाभ होते हैं:
अप्रैल 2025 का महीना तुला राशि के लिए कई नए अवसर और चुनौतियां लेकर आ रहा है। इस महीने में आपको अपने व्यवसायिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी। व्यवसाय में नई योजनाओं और साझेदारियों के अवसर प्राप्त हो सकते हैं लेकिन अपने निर्णयों में सावधानी बरतना आवश्यक होगा।
मार्च 2025 का महीना मीन राशि के लिए कई उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है। इस महीने में आपको अपने व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है I
अप्रैल 2025 का महीना मेष राशि के लिए कई उतार-चढ़ाव लेकर आ सकता है। इस महीने में आपको अपने व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन साथ ही आपको कई अवसर भी मिलेंगे जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।
अप्रैल 2025 का महीना वृष राशि के लिए कई नए अवसर और चुनौतियां लेकर आ रहा है। इस महीने में आपको अपने व्यवसायिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाने की आवश्यकता होगी।