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21 May 2025 Panchang (21 मई 2025 का पंचांग)

21 May 2025 Panchang (21 मई 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 21 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह 


Aaj Ka Panchang 21 2025 : आज 21 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का आठवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। आज का दिन बुध ग्रह से प्रेरित है। जो  बुद्धि, वाणी और व्यापार के क्षेत्र में सौभाग्य देने वाला है। आश्लेषा नक्षत्र की उपस्थिति इसे और अधिक रहस्यपूर्ण एवं साधना योग्य बनाती है। यदि आप किसी मानसिक बाधा, पारिवारिक उलझन या धन संबंधी संकट से ग्रस्त हैं, तो यह दिन समाधान का संकेत बन सकता है।


पंचांग विवरण 

  • वार: बुधवार
  • तिथि: कृष्ण पक्ष नवमी
  • मास: ज्येष्ठ
  • सूर्योदय: प्रातः 05:19 बजे
  • सूर्यास्त: सायं 07:09 बजे
  • चंद्रोदय: रात्रि 01:51 बजे
  • चंद्रास्त: पूर्वाह्न 12:56 बजे


चंद्र राशि: कर्क → सिंह (रात्रि बाद)

  • नक्षत्र: आश्लेषा
  • योग: व्यतीपात
  • करण: वणिज → विष्टि


शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:00 – 04:45
  • अभिजीत मुहूर्त: 11:50 – 12:40
  • चर-लाभ-अमृत चौघड़िया: विशेषतया प्रातः व सायं

मानसिक शांति, विद्या आरंभ, व्यापारिक चर्चा व गणेश पूजन के लिए आज का दिन उत्तम है।


अशुभ काल

  • राहुकाल: 12:00 – 01:30 अपराह्न
  • गुलिक काल: 10:30 – 12:00 पूर्वाह्न
  • यमगण्ड काल: 07:00 – 08:30 पूर्वाह्न

इन समयों में नया कार्य या यात्रा प्रारंभ न करें।


ग्रह उपाय – बुध ग्रह का संतुलन

  • गाय को हरी मूंग व हरा चारा खिलाएं
  • "ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः" का 108 बार जाप करें
  • बुधवार व्रत कथा सुनें या पढ़ें
  • तुलसी पर जल चढ़ाएं और श्रीहरि का नाम जपें


पूजन एवं उपासना

  • भगवान विष्णु का पूजन करें, तुलसी व पीला वस्त्र अर्पित करें
  • बुध ग्रह के शांति हेतु बुधवार व्रत रखें
  • मानसिक शुद्धि व वाणी की मर्यादा हेतु "श्री विष्णु सहस्रनाम" का पाठ करें

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10 फरवरी 2025 का पंचांग

आज 10 फरवरी 2025 माघ माह का 28वां दिन का है और आज इस पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां एक साथ पड़ रही है। वहीं आज सोमवार का दिन है।

अखाड़े प्रयागराज से कहां जाते हैं

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद अखाड़े अब वापसी करने की तैयारी कर रहे हैं। सभी महाशिवरात्रि तक गंगा घाट पर डेरा डालेंगे। इसके साथ ही काशी में वह प्रमुख तिथियों पर भगवान विश्वनाथ का दर्शन करेंगे।

फाल्गुन महीना कब से शुरू है

माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदूनववर्ष आ जाएगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है। इस महीने महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं।

माघ पूर्णिमा स्नान-दान समय

महाकुंभ का अगला पवित्र स्नान माघ पूर्णिमा के दिन 12 फरवरी को है। पूर्णिमा के दिन स्नान और दान को हमेशा से हिंदू धर्म में शुभ माना गया है।हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान है।

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