Aaj Ka Panchang: आज 22 मई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 22 May 2025 : आज 22 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का नौवां दिन है। साथ ही आज के पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। आज का दिन है बृहस्पति देव को समर्पित — धर्म, ज्ञान, विवाह, गुरु भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ। मग्हा नक्षत्र और वज्र योग जैसे योगों की उपस्थिति इसे विशेष बनाती है। यह समय है जब आप अपने जीवन में शुभ आरंभ, गुरुओं का सान्निध्य और परिवार के हित में कदम उठा सकते हैं।
पंचांग विवरण
- वार: गुरूवार
- तिथि: कृष्ण पक्ष अष्टमी
- मास: ज्येष्ठ
- सूर्योदय: प्रातः 05:27 बजे
- सूर्यास्त: सायं 07:09 बजे
- चंद्रोदय: रात्रि 02:23 बजे
- चंद्रास्त: पूर्वाह्न 01:59 बजे
- चंद्र राशि: सिंह
- नक्षत्र: मघा
- योग: वज्र
- करण: बव → बालव
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: 11:50 पूर्वाह्न – 12:40 अपराह्न
- गोधूलि मुहूर्त: 06:30 – 06:50 अपराह्न
विद्या, विवाह विचार, नामकरण, गुरु पूजन, पीला रत्न धारण जैसे कार्यों हेतु आज का दिन अनुकूल है।
अशुभ समय
- राहुकाल: 01:30 अपराह्न – 03:00 अपराह्न
- गुलिक काल: 09:00 – 10:30 पूर्वाह्न
- यमगण्ड काल: 06:00 – 07:30 पूर्वाह्न
इन कालों में कोई भी नया कार्य शुरू करने से बचें।
बृहस्पति ग्रह हेतु आज के उपाय
- श्रीविष्णु को पीले पुष्प और बेसन का भोग अर्पित करें
- "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
- पीली दाल, केले या हल्दी का दान करें
- गुरुजनों से आशीर्वाद लें
पूजन एवं साधना
- श्रीहरि विष्णु या बृहस्पति देव का पूजन करें
- गुरुवार व्रत कथा का श्रवण करें
- तुलसी पर जल चढ़ाकर श्रीविष्णुसहस्रनाम का पाठ करें
सनातन धर्म में एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में हर एकादशी का व्रत अलग-अलग नाम और महत्व के साथ आता है, उनमें से एक अपरा एकादशी है।
अपरा एकादशी का व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का दिन होता है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु के समर्पण और कृपा प्राप्त करने के सर्वोत्तम दिन के रूप में जाना जाता है।
इस साल अपरा एकादशी 23 मई 2025 को मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस साल आने वाला ‘शनि प्रदोष व्रत’ शनिवार, 24 मई को मनाया जाएगा। यह विशेष रूप से शुभ माना जा रहा है, क्योंकि यह ‘शिव योग’ में पड़ रहा है।