कई जन्मों से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा,
नजरों से नजरें मिला भी ना पाए,
मेरी नजर का कुसूर होगा ।
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥
तुम ही तो मेरे मात पिता हो,
तुम ही तो मेरे बंधु सखा हो,
कितने नाते तुम संग जोडे,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ।
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥
तुम ही तो मेरी आत्मा हो,
तुम ही तो मेरे परमात्मा हो,
मुझी में रहकर मुझी से पर्दा,
पर्दा हटाना जरूर होगा ।
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥
कभी बुलाते हो वृंदावन में,
कभी बुलाते हो मधुबन में,
अपने घर में रोज बुलाते,
मेरे घर आना जरूर होगा ।
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥
आंखों में बस गई तस्वीर तेरी,
दिल मेरा बन गया जागीर तेरी,
दास की विनती तुम्हारे आगे,
दर्श दिखाना जरूर होगा ।
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥
कई जन्मों से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा,
नजरों से नजरें मिला भी ना पाए,
मेरी नजर का कुसूर होगा ।
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने आने वाली मासिक कार्तिगाई तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है। विशेष रूप से दक्षिण भारत में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग में कुछ दिन विशेष संयोग और त्योहारों के कारण अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस साल 26 मई भी ऐसा ही एक दिन है, जब एक नहीं बल्कि चार बड़े धार्मिक पर्व एक साथ पड़ रहे हैं।
शनि जयंती, भगवान शनि देव के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जो जीवन में शनि दोष या साढ़े साती जैसी स्थितियों से मुक्ति कामना करते हैं।
शनि जयंती, भगवान शनि के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है, जो ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।