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बालाजी मुझे अपने, दर पे बुलाना: भजन (Balaji Mujhe Apne Dar Pe Bulana)

बालाजी मुझे अपने, दर पे बुलाना: भजन (Balaji Mujhe Apne Dar Pe Bulana)

बालाजी मुझे अपने,

दर पे बुलाना,

दर्शन से नैनो की,

प्यास बुझाना,

बालाजी मुझे अपना,

दर्शन दिखाना,

बालाजी मुझें अपने,

दर पे बुलाना ॥


ह्रदय में तेरे सियाराम बसे है,

राम सिया का तू है दीवाना,

चरणों में तेरे बाला,

मेरा है ठिकाना,

बालाजी मुझें अपने,

दर पे बुलाना ॥


स्वर्ग से सुन्दर धाम है तेरा,

रामसिया की सेवा काम है तेरा,

राम का तू और तेरा,

जग है दीवाना,

बालाजी मुझें अपने,

दर पे बुलाना ॥


बालाजी मुझे अपने,

दर पे बुलाना,

दर्शन से नैनो की,

प्यास बुझाना,

बालाजी मुझे अपना,

दर्शन दिखाना,

बालाजी मुझें अपने,

दर पे बुलाना ॥

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आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,
आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ सरकार, दिल ने पुकारा है (Aa Jao Sarkar Dil Ne Pukara Hai)

आ जाओ सरकार, दिल ने पुकारा है,

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)

करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कहानी के अनुसार देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहा करती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें जल में खिंचने लगा

करवा और उसके सात भाइयों की कथा

करवा चौथ के एक अन्य कथा के अनुसार एक समय में किसी नगर में एक साहूकार अपनी पत्नी 7 पुत्रों, 7 पुत्रवधुओं तथा एक पुत्री के साथ निवास करता था।

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