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अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam Krishna Damodaram)

श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता हे भगवान आते नहीं,

तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता है भगवान खाते नहीं,

बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता है भगवान सोते नहीं,

माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,

गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


नाम जपते चलो काम करते चलो,

हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


याद आएगी उनको कभी ना कभी,

कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी ।


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।

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प्रदोष व्रत: श्री शिव रुद्राष्टकम का पाठ

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को मानसिक तथा सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शुक्रवार 9 मई को भी यह व्रत श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायक रहेगा।

नरसिंह जयंती पर स्तोत्र का पाठ

नरसिंह जयंती, जो इस साल रविवार 11 मई 2025 को मनाई जाएगी, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के जन्मोत्सव के रूप में प्रसिद्ध है।

भगवान विष्णु की पूजा में गाएं ये आरती

नरसिंह जयंती हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो इस साल रविवार,11 मई को पड़ रही है।

नरसिंह जयंती पर करें इन मंत्रों का जाप

नरसिंह जयंती का पर्व भगवान विष्णु के चौथे अवतार, श्री नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।

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