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कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,

दुलारा हो तो ऐसा हो,

लोग दर्शन चले आये,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


बकासुर को मसल डाला,

पूतना जान से मारी,

पूतना जान से मारी,

कंस को केश से खिंचा,

खिलाडी हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


कूद पानी के अंदर से,

नाग को नाथ के लाये,

चरण फण फण पे देकर के,

नचारा हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


तीर जमुना के जाकर के,

बजाई बांसुरी मोहन,

चली घर छोड़ बृजनारी,

बजाना हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के आए,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


रचाई रास कुंजन में,

मनोहर रूप बनकर के,

देव दर्शन चले आये,

दीदारा हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


गए जब छोड़ गोकुल को,

नहीं फिर लौट कर आये,

सखी रोती रही बन में,

किनारा हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के आए,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


कौरव पांडव रण में,

जीत अर्जुन की करवाये,

बचाई लाज द्रोपती की,

सहारा हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के जन्मे,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


पूरी द्वारावती जाकर,

महल सोने के बनवाये,

हजारो रानिया ब्याही,

पसारा हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के आए,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


उतारा भार भूमि का,

सिधारे धाम अपने को,

वो ब्रम्हानंद दुनिया से,

नियारा हो तो ऐसा हो,

श्री कृष्ण घर नन्द के आए,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥


कृष्ण घर नन्द के जन्मे,

दुलारा हो तो ऐसा हो,

करे सब प्रेम से दर्शन,

सितारा हो तो ऐसा हो ॥

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144 बाद कुंभ में ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज के 5 ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।

किस राजा के नाम पर रखा गया प्रयाग का नाम?

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। प्रयाग को हिंदू धर्म में तीर्थों का राजा कहा जाता है। यह शहर हजारों मंदिरों के साथ ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं का केंद्र भी रहा है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ती के लिए आते हैं।

महाकुंभ के पहले दिन बन रहा शुभ संयोग

हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है। यह हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा समागम है। इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था का पर्व कहा जाता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु विभिन्न तीर्थों में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं ।

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