नरसिंह जयंती हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो इस साल रविवार,11 मई को पड़ रही है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, भगवान नरसिंह की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आरती एवं मंत्रों का जाप करते हैं।
भगवान नरसिंह को ‘अर्ध-मानव, अर्ध-सिंह’ स्वरूप में जाना जाता है। यह अवतार भगवान विष्णु ने अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा और असुर हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए लिया था। यह कथा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक मानी जाती है और यही कारण है कि नरसिंह जयंती पर भगवान विष्णु की उपासना करने से भक्तों के जीवन से भय, संकट और बाधाएं दूर होती हैं।
भगवान नरसिंह की आरती करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है और यह माना जाता है कि आरती करने से आपकी मनचाही मुरादें पूर्ण होती हैं।
हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल ये व्रत 25 जनवरी, 2025 को रखा जाएगा । इस दिन सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं।
पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे झारखंड के कसमार प्रखंड सहित आसपास के गांवों में सर्पों की देवी मां मनसा की पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। हर साल गांवों में जगह-जगह मां मनसा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है।
माघ का महीना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वर्ष का दसवां महीना होता है और यह दिसंबर-जनवरी के बीच आता है। माघ का महीना विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है।