जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया,
दे दे री मैया,
बधाई दे दे री मैया,
जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया ॥
ब्रम्हा आए विष्णु आए,
आए श्री महेश,
रिद्धि सिद्धि लेकर आए,
आए श्री गणेश,
जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया ॥
लक्ष्मी आई शारदा आई,
आई गौरा मैया,
तेरे लला की नज़र की उतारे,
ले रही मात बलैया,
जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया ॥
सारे नगर में धूम मची है,
बजे ढोल शहनाई,
नन्द बाबा गोकुल घर घर में,
बांटे आज मिठाई,
जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया ॥
पाप मिटाने इस धरती पर,
तारणहार है आए,
लिखता है ‘लोकेश प्रजापति’,
‘भावना’ भाव से गाए,
जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया ॥
जन्मे जन्मे कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया,
दे दे री मैया,
बधाई दे दे री मैया,
जन्में जन्में कृष्ण कन्हाई,
बधाई दे दे री मैया ॥
दिवाली के पावन पर्व पर विशेष रूप से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है। इस दिन माता रानी को कई तरह के पकवान चढ़ाए जाते हैं।
दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से घर में सौभाग्य, सुख-समृद्धि और संपन्नता बनी रहती है।