॥ स्तुति ॥
मैं नही जानू पूजा तेरी,
पर तू ना करना मैया देरी,
तेरा लख्खा तुझे पुकारे,
लाज तू रखले अब माँ मेरी ॥
॥ भजन ॥
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥
वेद पुराणो में भी माँ की, महिमा का बखान है ।
वो झुकता माँ चरणों में, जिसने रचा जहान है ।
देवर्षि भी समझ ना पाए, ऐसी लीला रचाए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥
संकट हरनी वरदानी माँ, सबके दुखड़े दूर करे ।
शरण आए दिन दुखी की, विनती माँ मंजूर करे ।
सारा जग जिसको ठुकरादे, उसको गले लगाए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥
बिगड़ी तेरी बात बनेगी, माँ की महिमा गा के देख ।
खुशियो से भर जाएगा, तू झोली तो फैलाके देख ।
झोली छोटी पड़ जाती है, जब देने पे आए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥
कबसे तेरी कचहरी में माँ, लिख कर दे दी अर्जी ।
अपना ले चाहे ठुकरा दे, आगे तेरी मर्जी ।
लख्खा शरण खड़ा हथ जोड़े, जो भी हुकुम सुनाए माँ ।
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ,
अपने बच्चो के आँसू देख नहीं पाए माँ,
बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ ॥
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।
चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 रविवार से शुरू होकर 7 अप्रैल 2025 सोमवार को समाप्त होगी। इस पावन अवसर पर आप देश के विभिन्न प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। ये विशेष पर्व हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होकर नौ दिनों तक चलता है। इस बार 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।