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करो कृपा कुछ ऐसी, तेरे दर आता रहूँ (Karo Kripa Kuchh Aisi, Tere Dar Aata Rahun)

करो कृपा कुछ ऐसी, तेरे दर आता रहूँ (Karo Kripa Kuchh Aisi, Tere Dar Aata Rahun)

करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,

तुम रूठो मुझसे भले चाहे,

पर मैं मनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,

जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,

तू ही हमदर्द है मेरा,

तुझे सुनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,

तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,

तमाम उम्र तेरे साथ,

मैं बिताता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,

मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,

बैठा मेरे सामने हो तू,

और मैं सजाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,

‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,

अपनी हस्ती को बनके पागल,

मैं मिटाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,

तुम रूठो मुझसे भले चाहे,

पर मैं मनाता रहूं,

करों कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ ॥


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चंद्र दर्शन पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्रों में चंद्रमा को शांति, सौम्यता, मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्र देव की पूजा भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाता है।

वैशाख मास की अमावस्या पर क्या न करें

भारतीय संस्कृति में अमावस्या तिथि का हमेशा से विशेष महत्व रहा है। खासकर वैशाख मास की अमावस्या, जिसे 'वैशाख अमावस्या' कहा जाता है। यह तिथि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है।

परशुराम जयंती 2025 तिथि

परशुराम जयंती, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है, जिसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है और अक्षय तृतीया के साथ इसका संयोग इस दिन को और भी शुभ बनाता है।

वैशाख अमावस्या पूजा की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। यह तिथि पितरों की शांति के लिए विशेष मानी जाती है और इस दिन स्नान, दान, जप, और तर्पण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

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