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करलो करलो चारो धाम, मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम (Karlo Karlo Charo Dham)

करलो करलो चारो धाम, मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम (Karlo Karlo Charo Dham)

करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

जीवन सफल उसी का समझो,

जिसने किया ये धाम

करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

जीवन सफल उसी का समझो,

जिसने किया ये धाम


बसा हिमालय पर्वत पे

पवन बद्रीनाथ,

नारायण ने यही तपस्या की थी,

नर के साथ

हे नरायनवासुदेवा, हे नरायनवासुदेवा !

हे नरायनवासुदेवा, हे नरायनवासुदेवा !

हे नरायनवासुदेवा, हे नरायनवासुदेवा !


बसा हिमालय पर्वत पे

पवन बद्रीनाथ,

नारायण ने यही तपस्या की थी,

नर के साथ

सागर मंथन की देवो में,

यही हुई थी बात,

लिया मोहनी रूप,

दिया अमृत देवो के हाथ

सच की देवो, ही कहते है, देवासुरसंग्राम


करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

जीवन सफल उसी का समझो,

जिसने किया ये धाम


दक्षिण में सागर तट पर ,

रामेश्वर तीर्थ महान

राम चंद्र ने यह किया था,

शिव महिमा का गुणगान

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय !


दक्षिण में सागर तट पर ,

रामेश्वर तीर्थ महान

राम चंद्र ने यह किया था,

शिव महिमा का गुणगान

यही विजय के लिए,

लिया राम ने शक्ति का आहवान,

देवी हुई प्रशन्न,

दे दिया मन चाहा वरदान

बिगड़े काम बनाये प्रभु जी,

भक्त भजे हरी का नाम


करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

जीवन सफल उसी का समझो,

जिसने किया ये धाम


जगन्नाथ का धाम बसा,

पूरव में सागर तट पर,

स्वयं कृष्णा की दीक्षा से,

यह मंदिर बना मनोहर


जगन्नाथ का धाम बसा,

पूरव में सागर तट पर,

स्वयं कृष्णा की दीक्षा से,

यह मंदिर बना मनोहर

कृष्णा और बलराम, सुभद्रा की ,

झांकी अति सुन्दर

मिलकर सबकी चित्ते देवरथ,

श्रद्धा से नारिहर

माथे धूल चढ़ाओ,

इस धरती को करो प्रणाम


करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

जीवन सफल उसी का समझो,

जिसने किया ये धाम


पक्षिम तट की पूरी द्वारका,

बनी स्वर्ग का द्वार

रचना है यह लीला घर की,

यह लीला का है विस्तार,

गोपाल जय जय, गोविन्द जय जय !

गोपाल जय जय, गोविन्द जय जय !

गोपाल जय जय, गोविन्द जय जय !


पक्षिम तट की पूरी द्वारका,

बनी स्वर्ग का द्वार

रचना है यह लीला घर की,

यह लीला का है विस्तार

बंशी, चक्र, सुदर्शन जिसके दोनों है सिंगार

जिसकी गीता का आभारी है सारा संसार

धरती को यह स्वर्ग बनाते,

मिलकर चारो धाम


करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

जीवन सफल उसी का समझो,

जिसने किया ये धाम

करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम

करलो करलो चारो धाम,

मिलेंगे कृष्ण, मिलेंगे राम


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इस दिन पड़ेगी साल की आखिरी शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

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