मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,
ओ राधे राधे गाएंगे,
राधे राधे गाएंगे,
तेरा कोड़ी लगे न च दाम,
राधे राधे गाएंगे ॥
वृन्दावन में बाँके बिहारी,
ओढ़ के बैठ्यो कांवलिया काली,
तुझे वही पे मिले विश्राम,
राधे राधे गाएंगे,
मन चल रे वृंदावन धाम,
राधे राधे गाएंगे ॥
वृन्दावन में यमुना किनारा,
निर्मल शीतल बहती है धारा,
तुझे मिल जाये श्यामा श्याम,
राधे राधे गाएंगे,
मन चल रे वृंदावन धाम,
राधे राधे गाएंगे ॥
श्री निधिवन की शोभा है न्यारी,
हरिदास जु के बांके बिहारी,
तेरे बन जाये बिगड़े काम,
राधे राधे गाएंगे,
मन चल रे वृंदावन धाम,
राधे राधे गाएंगे ॥
पागल का पागलपन देखो,
प्रभु की खातिर तन मन देखो,
देखो बरसानो और नंदगाँव,
राधे राधे गाएंगे,
मन चल रे वृंदावन धाम,
राधे राधे गाएंगे ॥
मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,
ओ राधे राधे गाएंगे,
राधे राधे गाएंगे,
तेरा कोड़ी लगे न च दाम,
राधे राधे गाएंगे ॥
महिला नागा साधुओं का अपना अलग संसार है, जो माई बाड़ा के नाम से जाना जाता है। ये साध्वीएं पुरुष नागा साधुओं की तरह ही ईश्वर को समर्पित जीवन जीती हैं, लेकिन उनकी आध्यात्मिक यात्रा एक अलग रंग में रंगी होती है।
प्रयागराज का महाकुंभ फिलहाल पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। महाकुंभ में इस बार भी देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है।
पंचांग के अनुसार, इस साल मौनी अमावस्या बुधवार, 29 जनवरी 2025 को है। बता दें कि माघ माह की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व होता है। इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है।
फिलहाल, जोर-शोर से महाकुंभ चल रहा है। इसमें नागा साधु के अलावा विभिन्न प्रकार के साधु-संन्यासी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। देश के कोने-कोने से यहां साधु-संत पहुंचे हैं।