हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित है और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। श्रद्धालु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर होती हैं। वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और साथ ही मनचाहा जीवनसाथी भी प्राप्त होता है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा पाने का उत्तम माध्यम है। तो आइए इस आलेख में मासिक शिवरात्रि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पौष माह की मासिक शिवरात्रि साल 2024 की आखिरी मासिक शिवरात्रि है। वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 29 दिसंबर को सुबह 3 बजकर 3 मिनट पर होगी और यह तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार, मासिक शिवरात्रि का व्रत 29 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा।
29 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर रात 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भोलेनाथ की पूजा करना अति शुभ माना जाता है।
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा विधि-विधान से करने का विशेष महत्व है। पूजा विधि निम्नलिखित है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अप्रैल 2025 में चैत्र और वैशाख माह रहेगा। इस दौरान दो महत्वपूर्ण एकादशी व्रत आएंगे—कामदा एकादशी और वरुथिनी एकादशी।
कामदा एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ मानी जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत रखने और विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। हर वर्ष 24 एकादशी आती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अलग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। चैत्र शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है।
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से अप्रैल साल का चौथा महीना होता है। अप्रैल का दूसरा हफ्ता विभिन्न त्योहारों और उत्सवों से भरा हुआ है। इस हफ्ते में कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ेंगे।