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जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से (Jiski Lagi Lagan Bholenath Se)

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से (Jiski Lagi Lagan Bholenath Se)

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

जिसकी लागी लगन शम्भूनाथ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

वो डरता नहीं किसी बात से ॥


भोले बाबा का लेता जो नाम है,

उसका बन जाता हर बिगड़ा काम है,

भोले बाबा का लेता जो नाम है,

उसका बन जाता हर बिगड़ा काम है,

जिसका नाता है बासुकी नाथ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

वो डरता नहीं किसी बात से ॥


जिसके दिल में है शिव का शिवाला बसा,

उसके जीवन में कोई भी दुःख ना रहा,

जिसके दिल में है शिव का शिवाला बसा,

उसके जीवन में कोई भी दुःख ना रहा,

जिसने प्रेम किया भूतनाथ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

वो डरता नहीं किसी बात से ॥


शिव के चरणों का जिसने लिया आसरा,

उसका बाल भी बांका कभी ना हुआ,

शिव के चरणों का जिसने लिया आसरा,

उसका बाल भी बांका कभी ना हुआ,

‘उर्मिल’ रहता है वो हरदम ठाठ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

वो डरता नहीं किसी बात से ॥


जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

जिसकी लागी लगन शम्भूनाथ से,

वो डरता नहीं किसी बात से,

वो डरता नहीं किसी बात से ॥

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माघ कृष्ण की षट्तिला एकादशी (Magh Krishna ki Shattila Ekaadashee)

एक समय दालभ्यजी ने प्रजापति ब्रह्माजी के पुत्र पुलस्त्य जी से प्रश्न किया कि प्रभो! क्या कोई ऐसी भी शक्ति या उपाय है कि जिसके करने से ब्रह्महत्या करने इत्यादि के कुटिल कर्मों के पापों से मनुष्य सरलता पूर्वक छूट जाय भगवन् !

माघ शुक्ल की जया नाम की एकादशी (Magh Shukal Ki Jya Naam Ki Ekadashi)

पाण्डुनन्दन भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़ कर नम्रता पूर्वक बोले हे नाथ ! अब आप कृपा कर मुझसे माघ शुक्ल एकादशी का वर्णन कीजिए उस व्रत को करने से क्या पुण्य फल होता है।

फाल्गुन कृष्ण विजया नाम एकादशी व्रत (Phalgun Krishna Vijaya Naam Ekaadashi Vrat)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने फिर भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा कि अब आप कृपाकर फाल्गुन कृष्ण एकादशी का नाम, व्रत का विधान और माहात्म्य एवं पुण्य फल का वर्णन कीजिये मेरी सुनने की बड़ी इच्छा है।

फाल्गुन शुक्ल आमलकी नाम एकादशी व्रत (Falgun Shukal Aamlaki Naam Ekadashi Vrat)

एक समय अयोध्या नरेश महाराज मान्धाता ने प अपने कुल गुरु महर्षि वसिष्ठ जी से पूछा-भगवन् ! कोई अत्यन्त उत्तम और अनुपम फल देने वाले व्रत के इतिहास का वर्णन कीजिए, जिसके सुनने से मेरा कल्याण हो।

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