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भोलेनाथ है वो मेरे, भोलेनाथ हैं (Bholenath Hai Vo Mere Bholenath Hai)

भोलेनाथ है वो मेरे, भोलेनाथ हैं (Bholenath Hai Vo Mere Bholenath Hai)

हर इक डगर पे हरपल,

जो मेरे साथ हैं,

भोलेनाथ है वो मेरे,

भोलेनाथ हैं,

देवों के देव हैं वो,

नाथों के नाथ हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


नीलकंठ महादेव विष को पिये हैं,

असुरों देवों को वर एक सा दिए हैं,

फर्क न किये,

हर कष्ट हर लिए,

जिनके आगे प्राणी सब,

जोड़े हाथ है,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


हाथ में त्रिशूल है बाघम्बर कमर में,

दूजे हाथ डमरू है बाजे नाद स्वर में,

नन्दी पे सवार,

हैं भोले त्रिपुरार,

जटा में हैं गंगा और,

चन्द्र माथ है,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


जल जो चढ़ाए उसे यम से उबारे,

बेल के चढाने से भरते भंडारे,

दूध अक्षत के संग,

धतूरा और भँग,

वैभव सुख धन की करते,

बरसात हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


हर इक डगर पे हरपल,

जो मेरे साथ हैं,

भोलेनाथ है वो मेरे,

भोलेनाथ हैं,

देवों के देव हैं वो,

नाथों के नाथ हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥

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मासिक कार्तिगाई पर्व कब है

मासिक कार्तिगाई हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने आने वाला एक पवित्र दिन है। यह चंद्र मास के कार्तिगाई नक्षत्र के दौरान मनाया जाता है। साल 2025 में फरवरी माह में भी मासिक कार्तिगाई का त्योहार मनाया जाएगा।

मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत विधि

सनातन हिंदू धर्म में, हर महीने मां दुर्गा के निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा का व्रत करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

मां दुर्गा के चमत्कारिक मंदिर

भारत को आध्यात्म और साधना का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वर्तमान में चल रहे महाकुंभ ने फिर से पूरे विश्व में यह बात पहुचाई है। नवरात्रि के अलावा यहां प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भी दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।

दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

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