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कलयुग कब खत्म होगा

कलयुग कब खत्म होगा

देश के इस शहर में लेगा भगवान का कल्कि अवतार, अभी कलयुग खत्म होने में लगेंगे 4 लाख से ज्यादा वर्ष 


सनातन परंपरा के अनुसार संसार में अब तक चार युग हुए हैं। इन चार युगों को सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलि युग कहा गया है। संसार का आरंभ सतयुग से हुआ। त्रेता युग में विभिन्न देवताओं ने विभिन्न अवतारों के साथ धर्म की रक्षा की। इसमें प्रमुख रूप से रामावतार में भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और पापियों का नाश किया। इसी तरह द्वापर में भी भगवान विष्णु ने कृष्णावतार सहित और भी कई अवतारों में अवतरित होकर देवी-देवताओं ने धर्म की ध्वजा को बल प्रदान किया। लेकिन इस समय हम कलयुग या कलियुग में जीवन यापन कर रहे हैं। इसे अंतिम और धर्म के नजरिए से सबसे बुरा युग बताया गया है।

जब भी कलयुग के विषय में बात करते हैं उसकी शुरुआत और अंत के बारे में बात जरुर होती है। तो चलिए भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं कलयुग के बारे में सबकुछ।


कलयुग कब खत्म होगा? 


दुनिया में दुख, पाप, अधर्म और पापाचार की घटनाएं बढ़ती है, मानवता शर्मसार होती है, अनाचार-अत्याचार चरम पर पहुंच जाता है तभी भगवान अवतार लेते हैं। संसार का दुख दूर करने के लिए भगवान फिर से धरती पर अवतार लेंगे यह बात स्वयं श्री कृष्ण ने द्वापर युग में कही हैं। श्री कृष्ण ने गीता में स्वयं कहा है 


यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥


अर्थात 


जब जब धर्म की हानि होती है, जब जब अधर्म बढ़ता है, तब तब मैं साकार रूप से लोगों के सम्मुख, सज्जन लोगों की रक्षा के लिए, दुष्टों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए हर युग युग में आता हूं।
इस हिसाब से कलयुग का अंत कब होगा इसका जवाब भी इसी श्लोक में निहित है। वैसे भी कलयुग के अंत की बात करें, तो विष्णु पुराण में कलयुग की अंत से जुड़े कुछ सत्य वर्णित है।


कलयुग के अंत को लेकर विष्णु पुराण की भविष्यवाणियों के अनुसार 


  • द्वापर युग के बाद कलयुग का आगमन हुआ है। विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत पुराण, भविष्य पुराण आदि पुराणों में कलयुग की व्याख्या काला युग यानी एक परछाई या आभासी युग की तरह की गई है। 
  • कलयुग के कालेपन में सभी रंग गुम हो जाएंगे। कलयुग में सच भी किसी मिथ्या यानी झूठ जैसा ही प्रतीत होगा।
  • कलयुग का अर्थ कलह-क्लेश का युग है, जहां हर प्राणी के मन में असंतोष की भावना होगी।
  •  लोग एक-दूसरे से बिना किसी वजह द्वेष भावना रखेंगे। प्रेम कम होगा और अनावश्यक नफरत बढ़ेगी।
  • श्रीमद्भागवत पुराण, विष्णु पुराण और भविष्यपुराण में कलयुग के अंत का वर्णन मिलता है। इन पुराणों के अनुसार कलयुग 4,32,000 साल लंबा चलेगा। 
  • अभी कलयुग का प्रथम चरण ही चल रहा। 
  • इस हिसाब से अभी 3102+2024= 5126 वर्ष कलयुग के बीत चुके हैं। 
  •  अभी तो बस कलयुग के 5 हजार वर्ष ही बीते हैं। अभी 426882 वर्ष बाकी हैं। 
  • पुराणों के अनुसार कलयुग का अंत होने में इससे ज्यादा समय भी लग सकता है।

 विष्णु पुराण और ब्रह्मावैवर्त पुराण के अनुसार ऐसा होगा कलयुग और यूं होगा अंत 


  • कलयुग जब अपनी चरम सीमा पर होगा, तो मनुष्य की आयु घटकर केवल 20 साल ही रह जाएगी। 
  • लोग उम्र से पहले ही बूढ़े होना शुरू कर देंगे।
  • पांच वर्ष की बच्चियां गर्भवती हो जाएंगी। 
  • मनुष्य छोटी-छोटी बीमारियों का मुकाबला भी नहीं कर सकेंगे।
  • विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के अनुसार धरती पर चारों और सूखा पड़ेगा, कहीं अन्न नहीं उगेगा और भीषण गर्मी बढेगी।
  • हर मौसम के भीषण होगा। बहुत बारिश, बहुत गर्मी बढ़ेगी और बहुत अधिक हड्डियां गला देनी वाली सर्दी पड़ेगी।
  • पाप और अत्याचार इतने बढ़ जाएंगे कि कोई उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता है। 
  • कलयुग में पुरुष, स्त्रियों के अधीन होकर जीवन व्यतीत करेंगे। 
  • मनुष्य सात्विक जीवन की जगह तामसिक जीवन जीएंगे।
  • कलयुग के पांच हजार साल बाद गंगा नदी सूख जाएगी और पुन: वैकुंठ धाम लौट जाएगी। 
  • इंसान पूजन-कर्म, व्रत-उपवास और सभी धार्मिक काम करना बंद कर देंगे। 
  • जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा और पृथ्वी जलमगन हो जाएगी।
  • कलयुग के अंत के लिए एस्टेरॉइड गिरना, भूकंप आना जैसी घटनाएं होंगी।
  • मानव समाज वेदों और धर्माचरण को भूल जाएगा।


फिर होगा भगवान कल्कि का अवतार 


धार्मिक मान्यता है कि श्री हरि कलयुग के अंत में कल्कि अवतार में आएंगे और धरती को पाप मुक्त करेंगे। इस अवतार के साथ ही कलयुग की समाप्ति होगी और फिर से सतयुग आ जाएगा। श्रीमद्भागवत के 12वें स्कंद के अनुसार जब सूर्य, चंद्रमा और गुरु एक साथ पुष्य नक्षत्र में होंगे, तब विष्णु जी कल्कि रूप में जन्म लेंगे। यह अवतार सावन के महीने में होगा। 


कहां होगा कल्कि अवतार कौन होंगे माता पिता?


कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पास संभल गांव में होगा। भगवान कल्कि राजसी वेश घोड़े पर सवार होकर, हाथ में तलवार लिए अवतरित होंगे।

भगवान कल्कि की मां का नाम सुमति और पिता का नाम विष्णुयश होगा। कल्कि भगवान के चार भाई होंगे जो धर्म की स्थापना में भगवान का सहयोग करेंगे। भगवान कल्कि की दो पत्नियां होगी जिनके नाम पद्मा और वैष्णवी होंगे।


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