लग जाएगी लगन धीरे धीरे,
मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
करले भरोसा मैया पे प्यारे,
छोड़ दे झूठे जग के सहारे,
जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,
जुड़ जाएगा ये मन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
ज्ञानू सरिका करले समर्पण,
चरणों में कर दे खुद को तू अर्पण,
धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,
धड़क उठेगी अगन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
दिल को लगा ले चरणों में प्यारे,
‘हर्ष’ रहेगी संग ये तुम्हारे,
महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,
महसूस होगीं छुअन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
लग जाएगी लगन धीरे धीरे,
मैया जी से होगा मिलन धीरे धीरे,
मईया जी से होगा मिलन धीरे धीरें ॥
जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करुं प्रणाम |
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ||
श्री गुरु गणनायक सिमर, शारदा का आधार।
कहूँ सुयश श्रीनाथ का, निज मति के अनुसार।
बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम,
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥