कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,
दुःख दर्द सब मिटा जा,
डमरू बजाने वाले ॥
विष पीके तुमने बाबा,
संसार को बचाया,
भैरव के रूप में भी,
महाकाल बनके आया,
दानव को फिर मिटा जा,
तांडव रचाने वाले,
कलयुग मे फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले ॥
दानव देव ऋषियों ने,
सबने है तुम्हे ध्याया,
संतो के लिए बाबा,
सातों धाम रचाया,
भक्तो को फिर जगा जा,
उज्जैन वाले बाबा,
कलयुग मे फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले ॥
कलयुग में फिर से आजा,
डमरू बजाने वाले,
दुःख दर्द सब मिटा जा,
डमरू बजाने वाले ॥
मेरो कान्हा गुलाब को फूल,
किशोरी मेरी कुसुम कली ॥
भानु सप्तमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है, जो सूर्य देव को समर्पित होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और उपासना से न केवल जीवन में तेज और ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
हिंदू धर्म में सूर्य उपासना को अत्यधिक महत्व दिया गया है। सूर्य देव को ऊर्जा, जीवन और स्वास्थ्य का कारक माना जाता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और भगवान की आराधना करने से साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं।