भोले डमरू वाले तेरा,
सच्चा दरबार है,
तेरी जय जयकार भोले,
तेरी जय जयकार है ॥
भक्तों के खातिर,
कलयुग में आए,
महिमा इनकी,
सब देव गाए,
अपने भगत के लिए,
करते चमत्कार है,
तेरी जय जयकार भोले,
तेरी जय जयकार है ॥
आवाज जिसने,
दिल से लगाई,
बिगड़ी हुई को,
पल में बनाई,
दीन और दुखी के लिए,
हरदम तैयार है,
तेरी जय जयकार भोले,
तेरी जय जयकार है ॥
दरबार तेरा,
सबसे निराला,
कलयुग में तेरा,
है बोल बाला,
‘बनवारी’ चरणो में,
करता नमस्कार है,
तेरी जय जयकार भोले,
तेरी जय जयकार है ॥
भोले डमरू वाले तेरा,
सच्चा दरबार है,
तेरी जय जयकार भोले,
तेरी जय जयकार है ॥
ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।
लाङ्गूलमृष्टवियदम्बुधिमध्यमार्ग , मुत्प्लुत्ययान्तममरेन्द्रमुदो निदानम्।
श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणेभोगीन्द्रभोगमणिरञ्जितपुण्यमूर्ते।
अग्रे कुरूणामथ पाण्डवानांदुःशासनेनाहृतवस्त्रकेशा।